कुलधर्म संज्ञा पुं॰ [सं॰] वंशपरंपरा से आनेवाला कर्तव्य कर्म । पूर्वपुरुषों द्वारा पालित धर्म । विशेष—अभियोगों के निर्णय में भी इसका विचार किया जाता था ।