कुलिक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुलिक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. शिल्पकार । दस्तकार । कारीगर ।

२. उत्तम वंश में उत्पन्न पुरुष ।

३. आठ महानागों में से एक ।

४. घुँघची का पेड़ ।

५. तालमखाना ।

६. किसी जाति या कुल का प्रधान पुरुष ।

७. ज्योतिष में दिन और रात का कुछ निश्चित अंश, जो यात्रा या अन्य शुभ कर्मों के लिये निषिद्ध समझा जाता है ।

८. केकड़ा । कर्कट ।

९. स्वजन । परिजन (को॰) ।

१०. आखेटिक । शिकारी (को॰) ।