कुस

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कुस पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ कुशा] दे॰ 'कुश' । उ॰—दुरबासा दुरजोधन पठय़ौ पाड़व अहित बिचारी । साक पत्र लै सर्ब आधाए न्हात भजे कुस ड़ारी ।—सूर॰, १ । १२२ ।