कूकना
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
कूकना ^१ क्रि॰ अ॰ [सं॰ कूजन या अनु॰]
१. लंबी सुरीली ध्वनि निकालना ।
२. कोयल या मोर का बोलना । उ॰—(क) कौंधत दामिनी कूकत मोर रटै मिलि भेकी भयानक ठोढ़े ।— रघुनाथ (शब्द॰) । (ख) कारी कुरुप कसाइनैं ये सु कुहू कुहू क्वैलिया कूकन लागी ।—पद्माकर (शब्द॰) ।
कूकना ^२ क्रि॰ स॰ [हि॰ कुंजी] कमानी कसने के लिये घड़ी या बाजे के पेंच को घुमाना । घड़ी चलाने या बाजा बजाने के लिये कुंजी घुमाना । कुंजी भरना ।