कूर्म
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कूर्म संज्ञा॰ पुं॰ [सं॰]
१. कच्छप । कछुआ ।
२. पृथिवी ।
३. प्रजापति का एक अवतार ।
४. एक ऋषि जिन्होंने ऋगवेद के कई सूत्रों का विकास किया था ।
५. एक वायु जिसका निवास आँखों में है और जिसने प्रभाव से पलकें खुलती और बंद होती है । यह दस प्राणों में से एक है ।
६. नाभिचक के पास की एक नाड़ी । कछुआ । पोतनहर ।
७. विष्णुका दूसरा अवतार
८. तंत्रके अनुसार एक मुद्रा या आसन जिसका व्यवहार देवता के ध्यान के समय किया जाता है
१. दे॰ 'कूर्मासन' ।