कृकर

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कृकर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मस्तक की वह वायु जिसके वेग से छींक आती है ।

१. शिव ।

३. चाव । चव्य ।

४. एक प्रकार का पक्षी ।

५. कनेर का पेड़ा ।