कृत

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कृत ^१ वि॰ [सं॰]

१. किया हुआ । संपादित ।

२. बनाया हुआ । रचित । जैसे—तुलसीकृत रामायण ।

३. संबंध रखनेवाला ।

कृत ^२ संज्ञा पुं॰, [सं॰]

१. चार युगों में से पहला युग । सतयुग ।

२. पंद्रह प्रकार के दासों में से एक । वह दास जिसने कुछ नियत काल तक सेवा करने की प्रतिज्ञा की हो ।

३. एक प्रकार का पासा, जिसमें चार चिह्वन बने होते हैं ।

४. चार की संख्या ।

५. फल । परिणाम ।

६. उद्देश्य । लक्ष्य ।

७. उपकार । उ॰—कृत चित चकोर कछूक धरौ । सिय देहु बताय सहाय करौ ।—राम॰ चं॰ पृ॰, ७९ ।

८. कर्म । काम । कृत्य । उ॰—रोवत समुझि कुमातु कृत, मीजि हाय धुनि माथ ।—तुलसी ग्र॰, पृ॰, ७४ ।

९. सेवा । लाभ (को॰) ।

१०. युद्ध में प्राप्त धन या इनाम (को॰) ।

११. देवता या संमानित व्याक्तिको आर्पित वस्तु । भेंट (को॰) ।