कृपाचार्य

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कृपाचार्य संज्ञा पुं॰ [सं॰] गौतम के पोत्र और शरद्बत् के पुत्र । अश्वत्थामा के मामा । विशेष—इनकी बहन कृपा से द्गौणाचार्य का विवाह हुआ था । ये धनुर्विद्या में बड़े प्रविण थे । द्रोणाचार्य की भाँति इन्होंने भी कौरवों और पाँड़वों को अस्त्रशिक्षा दी थी । कुरुक्षेत्र के युद्ब में ये कौरवों की ओर से लड़े थे; पर युद्ब समाप्त होने पर युधिष्ठिर के यहाँ रहने लगे थे । राजा परीक्षित् को भी इन्होंने अस्त्रविद्या सिखाई थी ।