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कृष्ण

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कृष्ण

प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कृष्ण ^१ वि॰ [सं॰] (उच्चारणः क्रिष्ण, क्रिषण्, क्रिश्न्, क्रिशन्)

१. श्याम । काल । सिपाह ।

२. नीला या आसमानी

३. दुष्ट । अनिष्टकर [को॰] ।

कृष्ण ^२ संज्ञा पु॰ [स्त्री॰ कृष्णा]

१. विष्णु के दस अवतारों में आठवाँ अवतार । यदुवंशी वसुदेव के पुत्र, जो भोजवंशी देवक की कन्या देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुए थे । विशेष—उस समय देवक के भाई राजा उग्रसेन का पुत्र कंस अपने पिता को कैद करके मथुरा का राज्य करता था । देवकी के विवाह के समय कंस को किसी प्रकार यह बात मालूम हो गई थी कि देवकी के आठवे गर्भ से जो बालक उत्पन्न होगा, वह मुझको मार डालेगा । इसलिये कंस ने देवकी और वसुदेव को अपने यहाँ कैद कर लिया था । देवकी के सात बालकों को तो कंस ने जन्म लेते हो मार डाला था, पर आठवें बालक कृष्ण को, जिनका जन्म भादों की कृष्ण अष्टमी को आधी रात के समय हुआ था, वसुदेव जी गोकुल में जाकर नद के घर रख आए थे । बड़े होने पर कृष्ण ने अनेक अदभुत कार्य किए थे, जिनके कारण शंकित होकर कंस ने उन्हें मरवा डालने के अनेक उपाय किए, पर सब व्यर्थ हुए । अंत में कृष्ण ने कंस को मार डाला । इन्होंने विदर्भ के राजा की कन्या रुक्मणी से विवाह किया था ।