केंद्र

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

केंद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ केन्दु] तेंदू ।

केंद्र संज्ञा पुं॰ [सं॰ केन्द्र, यू॰ केण्ट्रन]

१. किसी वृत्त के अंदर का वह विंदु जिससे परिधि तक खींची हुई सब रेखाएँ परस्पर बराबर हों । नाभि ।

२. किसी निश्चित अंश से ९०, १८०, २७० और ३६० अंश के अंतर का स्थान ।

३. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के दो केंन्द्र—शीघ्र केंद्र और मंद केंद्र । ग्रह के मध्य में से मंटोच्च घटाने से मंद केंद्र और शीघ्रोच्च घटाने से शीघ्र केंद्र का ज्ञान होता है ।

४. फलिंत के अनुसार कुंडली में पहला, चौथा, सातवाँ और दसवाँ स्थान ।

५. मुख्य या प्रधान स्थान ।

६. सदा रहने का स्थान ।

७. बीच का स्थान ।

८. किसी वस्तु के उत्पादन, वितरण आदि का स्थान सेंटर । यौ॰—केंद्रग । केंद्रगामी = केंद्र की गमन ओर करनेवाला । केंद्रस्थ = केंद्र में स्थिति । केंद्रस्थान ।