केर

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

केर अव्य॰ [सं॰ कृत; ] [सं॰ केरि; केरी] [अन्थ रूप—केरा, केरो] संबंध सूचक अव्यय जो अवधी भाषा तथा अन्य भाषाओं में 'का' और 'के' विभाक्तियों के स्थान में आता है । उ॰—(क) छमहु चूक अनजानत कोरी । चहिय विप्र उर कृपा घनेरी ।— तुलसी (शब्द॰) । (ख) मुँजे गेहूँ केरा झाड़ दिखलाया तूँ ।—दक्खिनी॰, पृ॰ ३०० । (ग) सुनत जु बेगुगीत पिय केरो ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ २९५ ।