कोको
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कोको ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] कौआ । लड़कों को बहकाने का शब्द । उ॰— मैं तो सोय रही सुख नींद पिया को कोको ले गई रे । (गीत) । विशेष— जब किसी वस्तु वो बच्चों के सामने से हटाना होता है, तब उसे हाथ में लेकर कहीं छिपा देते हैं और उनके वह- काने के लिये कहते है कि कोआ ले गया । 'कोको ले गई' ।
कोको ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कोकोआ]
१. बिषुक्त् रेखा के आसपास के देशों में होनेवाला एक पेड़ जो ताड़ वृक्ष के आकार का होता है । उ॰— उसी ने कोको वृक्ष लगाना आरंभ किया । —प्रा॰ भा॰ पृ॰, पृ॰ १३ ।
२. कोको फल का चूर्ण ।
३. कोको के बीज के चुर्ण से बनाया हुआ पेय ।