कोट
दिखावट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कोट ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दुर्ग । गढ़ । किला । यौ॰— कोटप । कोटपाल ।
२. शहरपनाह । प्राचीर ।
३. राजमदिर । महल । राजप्रासाद ।
४. छप्पर । झोपड़ा (को॰) ।
५. दाढ़ी (को॰) ।
६. कुटिलता । कुटिलपन (को॰) ।
कोट ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कोटि] समूह । यूथ । जत्था । उ॰— चले तुरंग अपार कोटि कोटि को कोट करि ।— सोहत सकल सवार रामा- गमन अनंद भरि ।—रघुराज (शब्द॰)
। २ कोटि । करोड़ । उ॰—अनंतहि चंदा ऊगिया सूर्य कोट परकास । —दरिया॰ बानी, पृ॰, १५ ।
कोट ^३ संज्ञा पुं॰ [अ॰] अंगरेजी ढंग का एक पहनावा जो कमीज या कुरते के ऊपर पहना जाता है और जिसका सामना बटनदार होता है । यौ॰— कोट्पतलून=साहबी पहनावा । योरोपीय़ पहनावा ।
कोट अरलू संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की मछली जो समुद्र में होती है और जिसका मांस खानें में बहुत स्वादिष्ट होता है ।