कोड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कोड़ा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कवर=गुँथे हुए बाल]

१. छोटा डंडा या दस्ता जिसमें चमड़ा या सूत आदि बटकर लगाया जाता है । और जो मनुष्यों या जानवरों को मारने के काम आता है । चाबुक । साँटा । दुर्ग । क्रि॰ प्र॰—जड़ना ।—फटकारना ।—बैठना ।—मारना ।—लगाना ।

२. उत्तेजक बात । मर्मस्पर्शी बात । जैसे—मैं तो स्वयं ही यह काम करने को था, इसपर तुम्हारा कहना और भी एक कोड़ा हुआ । क्रि॰ प्र॰—लगाना ।—होना आदि ।

३. चेतावनी ।

कोड़ा ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बाँस जो दक्षिण में होता है ।

२. कुश्ती का एक पेंच । विशेष—इसमें विपक्षी के दाहिने पैतरे पर खड़े होने पर बाएँ हाथ की कोहनी से इसकी दाहिनी रान दबाते और दाहिने हाथ की कलाई से उसके दाहिने पैर का गट्टा उठाकर दोनों हाथों को मिलाकर जोर करके उसे चित्त गिरा देते हैं ।