कोड़ी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]कोड़ी † संज्ञा स्त्री॰ [हि॰] दे॰ 'कोड़ा' । उ॰— रैयत जगत सब्द कै कोंड़ी, दूजी मार न मारी ।—धरनी॰, पृ॰, ३ ।
कोड़ी वि॰ [हिं॰] दे॰ 'कोटि' । उ॰—नरपति व्यास कहाइ करि जोड़ि । तो तूठा तैंतीसो कोड़ि ।—बी॰ रासो, पृ॰ ३० ।
कोड़ी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अं॰ सकोर या सं॰ कोटि]
१. बीस का समूह । बीसी ।
२. तालाब का पक्का निकास जिससे तालाब भर जाने पर अधिक पानी निकल जाता है । पक्का ओना ।
कोड़ी ^२ वि॰ बीस ।