कोरा
विशेषण
साफ, कुछ भी नहीं लिखा हुआ।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
कोरा ^१ वि॰ [सं॰ केवल] [स्त्री॰ कोरी]
१. जो बरता न गया हो । जिसका व्यवहार न हुआ हो । न्या । अछुता । मुहा॰—कोरा छुरा या उम्तरा=वह उस्तरा जिसपर ताजा सान रखा हो । वह सान रखा हुआ छुरा जो चलाया न गया हो । कोरे छुरे या उस्तरे से मुँडना=(१) ताजी धार के छुरे से सिर मूँडना, जिसमें बाल जड़से मुड़जाय अथवा बड़ा कष्ट हो । (२) सुखा मूँडन । बिना पानी लगाए मूडना । (३) खूब लूटना । खूब झँसना । कोरी धार या बाढ़=हथियार की धार जिसपर सान रखा हो । तीक्ष्ण धार । कोरा पिंडा= अछूता शरीर । बिना ब्याहा पुरुष या बिनब्याही स्त्री ।
२. (कपड़ा या मिट्टी का बरतन) जो धोया न गया हो । जिससे जल का स्पर्श न हुआ हो । जैसे, कोरा घड़ा । कोरा कपड़ा । कोरा नैनसुख । मुहा॰—कोरा बरतन=(१) मिट्टी का वह बरतन जिसमें पानी न डाला गया हो (२) नवोढ़ा स्त्री । अछूती कुमारी । (बाजारू) । कोरा सिर=(१) वह सिर जिसमें छुरा न लगा हो । वह सिर जिसमें पेट के बाल हों । (२) वह मला हुआ सिर जिसमें तेल न लगा हो ।
३. जो रँगा न गया हो । जिसपर कुछ लिखा या चित्रित न किया गया हो । जिसपर कोई दाग या चिह्न न हो । सादा । साफ । जैसे,—कोरा कागज । मुहा॰—कोरा जवाब=साफ इनकार । स्पष्ट शब्दों में अस्वीकार ।
४. खाली । रहित । वंचित । विहीन । जैसे,—उन्हें कुछ नहीं मिला, वे कोरे लौट आए । मुहा॰—कोरा रह जाना=कुछ न पाना । सिद्धिलाभ न करना । वंचित रह जाना ।
५. जिनपर कोई आघात या बुरा प्रभाव न पड़ने पाया हो । आपत्ति या दोष से रक्षित । निरापद या निष्कलंक । बेदाग । मुहा॰—कोरा बचना=किसी आपत्ति या दोष से साफ बचना ।
६. विद्याविहीन । मूर्ख । अपढ़ । जड़ ।
७. धनहीन । अकिंचन ।
८. केवल । सिर्फ । खाली । जैसे—कोरी बातों से काम न चलेगा ।
कोरा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ करक] एक चिड़िया जो तालों के किनारे रहती है । इसकी चोंच पीली और पैर लाल होते हैं । यह जेठ असाढ़ में अंडा देती है और ऋतु के अनुसार रंग बदलती है ।
कोरा ^३ संज्ञा पुं॰ [?] बिना किनारे की रेशमी धोती ।
कोरा ^४ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्रोड़] गोद । उछंग । क्रि॰ प्र॰—लेना ।
कोरा ^५ संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. एक छोटा पेड़ । विशेष—यह गढ़वाल, बारार, मध्यप्रदेश, और आसाम में बहतायत से होता है । यह पेड़ कद में छोटा होता है । इसके हीर की लकड़ी सफेद, चिकनी और नरम होती है । देहरादून और सहारनपुर में इसपर खोदाई का काम होता है । इसकी छआल फल और पत्ते दवा के काम में आते हैं ।
२. एक प्रकार का सलमा जो कारचोबी के काम में आता है ।
३. ऊख के खेत की पहली सिंचाई ।
कोरा ^६पु संज्ञा पुं॰ दे॰ 'चकोर' । उ॰—जैसे स्नेह चंद करु कोरा । कबीर सा॰, पृ॰ ९०८ ।