कोरी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

कोरी ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कौलिक] [स्त्री॰ कोरिन] हिंदुओं की एक जाति जो सादे और मोटे कपड़े बुनती है । हिंदू जुलाहा । उ॰—ज्यों कोरी रैजा बुनै, नियरा आवै छोर ।— कबीर सा॰, सं॰, पृ॰ ७७ ।

कोरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ कोटि या अं॰ स्कोर] बीस वस्तुओं का समूह । कोड़ी ।

कोरी ^३ वि॰ स्त्री॰ [हिं॰ कोरा]

१. जो काम में न लाई गई हो । अछूती । नवीन ।

२. जिसपर रंग न चढ़ा हो । जिसपर कुछ न लिखा गया हो । सादि । वि॰ दे॰ 'कोरा' ।

कोरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्रोड]

१. आँकवार । गोद । उ॰—कौरी में न आवे जिन्हें बाहु न हिलावे बलवान न झुकावे एते मान डिठियत है ।—भारतेंदु ( शब्द॰) । मुहा॰—कौरी भरकर भेटना या मिलना = आलिंगन करके मिलना । उ॰—छत्रसाल त्यों गये बिजौरा । भेटे रतन साहु भर कोरी ।—लाल (शब्द॰) ।

२. एक अँकवार भर कटे हुए अनाज के पौधै जो फसल के समय मजदुरों को मजदूरी में दिए जाते हैं ।