कोलाहल संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. बहुत से लोगों की अस्पष्ट चिल्लाहट । शोर । हौरा । हल्ला । रौला । क्रि॰ प्र॰—करना ।—मचाना ।—होंना । २. संपूर्ण जाति का एक संकर राग जो कल्याण, कान्हड़ा और बिहाग के मेल से बनता है । इसमें सब शुद्धस्वर लगते हैं ।