कौपीन संज्ञा पुं॰ [सं॰ ] १. ब्रह्मचारियों और संन्यासियों आदि की लँगोटी । चीर । कफनी । काछा । २. शरीर के वे भाग जो कौपीन से ढाँके जायँ — गुदा और लिंग । ३. पाप । गुनाह । ४. अनुचित कार्य ।