क्यौं पु क्रि॰ वि॰ [हिं॰ क्यों] किसी प्रकार । उ॰—क्यौं हू लुकत न लाज निगोडी बिबस सुप्रेम उरैड ।—नंद ग्रं॰, पृ॰ ३८८ ।