क्रियायोग संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. पुराणों के अनुसार देवताओं की पुजा करना और मंदिर आदि बनवाना । २. क्रिया के साथ संबंध ३. तरकीब और साधन का प्रयोग ।