क्रीड़ा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

क्रीड़ा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ क्रीड़ा]

१. कल्लोल । केलि । आमोद प्रमोद । खेलकुद ।

२. ताल के सात मुख्य भेदों में से एक जिस ताल में केवल एक प्लुत हो, उसे क्रीड़ा ताल कहते हैं ।—(संगीत) ।

३. एक वृत्त का नाम जिसके प्रत्येक चरण में यगण और एक गुरु (/?/) होता है । उ॰—युगौ चारो । हरी तारो । करै कीड़ा । रखौ ब्रीड़ा ।

क्रीड़ा भाँड संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्रीडा+ भाणड] क्रीड़ा की वस्तु । खिलौना । उ॰—जो देखियत यह बिस्व पसारो । सो सब क्रीड़ा भाँड तुम्हारो ।—नंद ग्रं॰, पृ॰ २८२ ।