क्रेडिट संज्ञा पुं॰ [अं॰] बाजार में वह मान मर्यादा जिसके कारण मनुष्य लेना देन कर सकता हो । साख । जैसे,—बाजार में अब उनका कोइ क्रेडिट नहीं रहा, अब वे एक पैसे का भी माल नहीं ले सकते ।