क्लेश
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]क्लेश संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. दु:ख । कष्ट । व्यथा । वेदना । क्रि॰ प्र॰—उठाना ।—देना ।—पाना ।—भोगना ।—सहना । विशेष—योग शास्त्रानुसार क्लेश के पाँच भेद हैं—अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष और अभिनिवेश । बोद्ध शास्त्रानुसार क्लेश दस हैं—लोभ द्धेष, मोह, मान, दृष्टि, चिकित्सा, स्थिति, उद्धव्य, अहीक और अनुताप ।
२. झगड़ा । लड़ाई । टंटा । जैसे,—दिन रात क्लेश करना अच्छा नहीं । क्रि॰ प्र॰—करना ।—मचाना ।—रखना ।