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क्षत्रसव

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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क्षत्रसव संज्ञा पुं॰ [सं॰] वह यज्ञ आदि जो केवल क्षत्रिय ही कर सकते हों । जैसे, अश्वमेध ।