क्षयिष्णुप्राय

विक्षनरी से

क्षयिष्णुप्राय: (विशेषण) बची-खुची, क्षय होती हुई, समाप्त होती हुई, घटती हुई। ("कम उम्र में सम्पत्ति के मालिक बन बैठे थे, सो चापलूसों की संगत में उनकी क्षयिष्णुप्राय सम्पत्ति धीरे-धीरे समाप्त होने लगी।" -विभूतिभूषण बन्द्योपाध्याय की एक कहानी 'अभिशाप' से)