क्षर
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
क्षर ^१ वि॰ [सं॰]
१. नाशवान् । नष्ट होनेवाला । उ॰—क्षर देह यहाँ का यहीं रहा ।—साकेत, पृ॰ १६३ ।
२. चल । जंगम ।
क्षर ^२ संज्ञा पुं॰
१. जल ।
२. मेघ ।
३. जीवात्मा ।
४. शरीर ।
५. अज्ञान ।
६. कार्य कारण रूप लस्तु या द्रव्य जिसकी क्षण क्षण अवस्थांतर हुआ करता है ।