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क्षारपाक

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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क्षारपाक संज्ञा पुं॰ [सं॰] मोथ के पौधे से निकले हिए क्षार को कोरैया, पलाश, बहेड़ा, लोध, केला, चीता, कनेर आदि औष— धियों के साथ जल में पानी से बना हुआ पाक । यह छेदन, भेदन अर्थात् फोड़ा फुंसी के काम में आता है ।