सामग्री पर जाएँ

क्षिण

विक्षनरी से

प्रकाशितकोशों से अर्थ

[सम्पादन]

शब्दसागर

[सम्पादन]

क्षिण पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षण] दे॰ 'क्षण' । उ॰—बज्रहुँ ते तृण क्षिण में होई होई । तृण ते बज्र करै पुनि सोई ।—कबीर बी॰, पृ॰ १३० ।