खँगी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खँगी संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ खँगना] कमी । घटी । छीज । उ॰— हिय हरषि शिशु मुख चूमि सुंदर सकल दुलरावै लगीं ।— अनपार भै ज्यौनार निज रुचि सरस तहँ रहै का खँगी ।— विश्राम॰, पृ॰ ४०३ ।