खँचना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खँचना † ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ खाँचना] चिह्निनत होना । निशान पड़ना । उ॰—लाजमयी सुर बाम भई पछितान्यो स्वयंभू महा मन सेखैं । दुसरी ओर बबाइबो को त्रिबली खंची तीन तलाक की रेखैं ।—शंभु कवि (शब्द॰) ।

खँचना ^२ † क्रि॰ अ॰ [हिं॰] दे॰ 'खिंचना' ।