खँजरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खँजरी ^७ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ खंजरीट = एक ताल] डफली की तरह का एक छोटा बाजा । विशेष—इसकी मेंडरा (गोलाकार काठ) चार या पाँच अँगुल चौ़ड़ा और एक ओर चमड़े से मढ़ा तथा दूसरी ओर खुला रहता है । यह एक हाथ से पकड़कर दूसरे हाथ की थाप से बजाई जाती है । साधु लोग प्रायः अपनी खँजरी के मेंडरे में एक प्रकार की हलकी झाँझ भी बाँध लेते हैं जो खँजरी बजाते समय आपसे आप आप बजती हैं ।
खँजरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [ फा॰ खंजर]
१. खंजर का स्त्रीलिंग ओर अल्पार्थक रूप ।
२. एक प्रकार की लहरिएदार धारी जो रंगीन कपड़ों में होती है ।
३. वह कपड़ा, विशेषतथा रेशमी कपड़ा, जिसमें इस प्रकार की धारी हो ।