खंजर
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खंजर ^१ संज्ञा पुं॰ [फा॰ खंजर] कटार । पेशकब्ज । मुहा॰—खंजर तेज करना = मार डालने के लिये उद्यत होना । क्रि॰ प्र॰—उठना ।—खींचना ।—चलाना ।—फेरना ।— बाँधना ।
खंजर ^३ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ खञ्जन, प्रा॰ खंजण] दे॰ 'खंजन' । उ॰—मुख सिसहर खंजर नयण कुच श्रीफल कँठ वीण ।— ढोला॰, दु॰ १३ ।