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खंति

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खंति ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ख्याति, राज॰ ख्याँत, खांत]

१. लगन । प्रीति । उ॰—मो मारू मिलिवातणी, खरी विलग्गी खंति ।— ढोला॰, दू॰ २३८ ।

२. आकांक्षा । इच्छा । उ॰—जब दैहौं तब पुज्जिहै मो मझझह खंति ।—पृ॰ रा॰, १७ ।२७ ।

खंति ^२ † संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] तलवार का बीडन । कसा । उ॰— (क) खंति खाग खोलि विहत्थं ।—पृ॰ रा॰, १० ।१८ । (ख) खंति खग खुल्लि विहत्थं ।—पृ॰ रा॰, (उदय॰), पृ॰ २७९ ।