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खत्री

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खत्री संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षत्रिय, प्रा॰, खतिय] [स्त्री॰ खतरानी]

१. हिंदुओँ में क्षत्रिय़ों के अंतर्गत एक जाति जो अधिकतर पंजाब में बसती है । इस जाति के लोग प्रायः व्यापार करते हैं ।

२. क्षत्रिय (ड़िं॰) । उ॰— देख कहैं सको देस, खत्री बीज गयो खेस । रघु॰, रू॰ पृ॰, ७६ ।

खत्री परदेदार संज्ञा स्त्री॰ [हि॰ खत्री] लकड़ी का बना हुआ एक प्रकार का ठप्पा, जिससे कपड़ों पर बेल बुटे छोपे जाते है । यह ठप्पा तीन इंच से छह इच तक लंबा होता है ।