खन
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खन पु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षण, प्रा॰ खन]
१. क्षण । लहमा ।
२. समय । वक्त ।
३. तुरंत । तत्काल । उ॰—चेरी धाय सुनत खन धाई । होरामन लै आय बोलाई ।—जायसी (शब्द॰) ।
खन ^२ † संज्ञा पुं॰ [सं॰ खण्ड़] (मकान का) खंड़ा । मरातिब । तल्ला । मंजिल । जैसे, —चार खन का मकान । उ॰— चार खान की अटारी के ।—लक्ष्मण (शब्द॰) (ख) सत्त खनै आवास ।—पृ॰ रा॰, १ । ४४ ।
२. हिस्सा विभाग ।
खन ^३ † संज्ञा पुं॰ [देश॰]
१. एक प्रकार का वृक्षजो 'खोर' की तरह का होता है ।
२. एक प्रकार का कपड़ा जिससे महाराष्ट्र में स्त्रियाँ चोली बनाती हैं ।
खन ^४ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰] रुपये, पैसे, चूड़ीयों आदि के बजने की आवाज । खनक ।