खपाना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खपाना क्रि॰ सं॰ [सं॰ क्षपन्, हिं॰, खपना का प्रे॰ रूप]
१. किसी प्रकार का व्यय करना । काम में लाना । लगाना । मुहा॰—माथा या सिर खपाना = सिर पच्ची करना । मस्तिष्क से बहुत अधिक या व्यर्थ काम लेना । हैरान होना ।
२. निर्वाह करना । निभाना ।
३. नष्ट करना । समाप्त करना । उ॰— (क) मनों मेघनायक ऋतु पावस बाण वृष्टि करि सैन खपायो । —सूर (शब्द॰) । (ख) भूषण शिवाजी गाजी खाग सो खपाए खल खाने खाने खलन के खेरे भये खी स हैं ।—भूषण (शब्द॰) ।
४. तँग करना । दिक करना ।
५. बेचना । विक्रय करना ।
६. मार ड़ालना । खत्म करना । उ॰— सिरसवाह लघु मीर, तुम बेग खपावहु ।—प॰ रासो॰ पृ॰, ५९ ।