खम

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खम ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ खम]

१. टेढ़ापन । टेढ़ाई । कज । झुकाव । मुहा॰— खम खाना = (१) मुड़ना । झुकना । दबाना । उ॰— सूदन, समर साहि सैन तृन तून गनी हनी देह गोलिन न खाई खेत खम है ।—सूदन (शब्द॰) । (२) हारना । पराजित होना । नीचा देखना । उ॰— पहर रात भर मार मचाई । मुरक्यो तुरक उहाँ खम खाई ।— लाल (शब्द॰) । खम ठोकना = (१) लड़ने के लिये ताल ठोंकना । उ॰— आए तहँ जहँ खाल छलकारी । फेट बाँधि खम ठोंकि खरारी ।—लल्लू (शब्द॰) । (२) दृढ़ता दिखालाना । खम ठोंककर = (१) ताल ठोंककर । (२) दृढता या निश्चयपूर्वक । जोर देकर । जैसे— 'मैं खम ठोंककर यह बात कह सकता हूँ । खम बजाना या मारना = दे॰ 'खम ठोंकना' । यौ॰—खमदम । खमदार ।

२. गाने के बीच बीच में वह विश्राम जो लय में लोच या लचक लाने के लिये किया जाता है । क्रि॰ प्र॰—लेना ।