खम्भा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खंभा संज्ञा पुं॰ [सं॰ स्कम्भ, या स्तम्भ, प्रा॰ खम्भ] पत्थर या काठ का लंबा खाड़ा टुकड़ा अथवा ईंट आदि की थोड़े घेरे की ऊँची खाड़ी जोड़ाई जिसके आधार पर छत या छाजन रहती है । स्तंभ । विशेष—जहाँ छत या छाजन के नीचे का स्थान कुछ खुला रखना होता है, वहाँ खंभों का व्यवहार किया जाता है । जैसे, ओसारे बरामदे, बारहदरी, पुल आदि में खंभे का व्यवहार भारतीय स्थापत्य में बहुत प्राचीन काल से है; तथा उसके भिन्न भिन्न विभाग भी किए गए हैं । जैसे, नीचे के आधार को कुंभी (कुँभिया) और ऊपर के सिरे की भरणी कहते हैं ।