खरच

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खरच संज्ञा पुं॰ [फा॰ खर्च] दे॰ 'खर्च' । मुहा॰—खरट कर डालना पु = समाप्त करना । खपा डालना । मार डालना । उ॰— यह बनियाँ कौन की हिमायत सों बोलत हैं । तातें याके तुरत ही खरच करि डारो ।—दो सौ बावन॰, भा॰ १, पृ॰ २४५ ।