खरा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खरा वि॰ [सं॰ खर = तीक्ष्ण] [वि॰ स्त्री॰ खरी]

१. तेज । तीखा । चोखा ।

२. अच्छा । बढ़िया । स्वच्छ । विशुद्ध । बिना मिलावट का । 'खोटा' का उलटा । जैसे, खरा सोना । खरा रुपया । उ॰—राजैं नवीन निकाई भरी रातिहू तें खरी वे दुहूँ परजंक में ।—सुंदरीसर्वस्व (शब्द॰) । मुहा॰—खरा खोटा = भला बुरा । खरा खोटा परखना = अच्छे बुरे की पहचान करना । जी खरा खोटा होना = चित्त चला य मान होना । मन डिगना । बुरी नीयत होना । खरे आए = अच्छे मिले । अच्छे आए (व्यंग्य) ।

३. सेंककर कड़ा किया हुआ । करारा । मुहा॰—कान खरा करना = कान गरम करना । काम मलना ।

४. जो झुकने या मोड़ने से टूट जाय । चीमड़ । कड़ा ।

५. जिसमें किसी प्रकार की बेईमानी न हो । जिसमें किसी प्रकार का धोखा न हो । जो व्यवहार में सच्चा और ईमानदार हो । साफ । छल—छिद्र—शून्य । जैसे,—खरा मामला । खरा आदमी । मुहा॰—खरा असामी = दे॰ 'खरा आदमी' । खरा आदमी = लेन देने में सफाई रखनेवाला आदमी । व्यवहार में सच्चा मनुष्य । ईमानदार । खरा खेल = साफ मामला । शुद्ध व्यवहार । खरा खेल फर्रुखाबादी = फर्रुखाबाद के रुपए की तरह शुद्ध ओर सच्चा व्यवहार । विशेष—फर्रुखाबाद की टकसाल के रुपए किसी समय में बहुत खरा और चोखा समझा जाता था ।

६. नकद (दाम) । उ॰—मगर खरी मजदूरी और चोखा काम । हमारे वतन में बागवाँ रोज उजरत पाते है ।—फिसाना॰, भा॰ ३ पृ॰ ३१४ । मुहा॰—रुपए खरे होना = रुपए मिलने का निश्चित होना । जैसे—तुम्हारे रुपए तो खरे हो गए; अब हमारा इनका मामला रह गया ।

७. उचित बात कहने या करने में शील संकोच न करनेवाला । लगी लिपटी न कहनेवाला । स्पष्टवक्ता । जैसे खरा कहैया ।

८. (बात के लिये) यथातथ्य । सच्चा । अप्रिय सत्य । जैसे, खरी बात । मुहा॰—खरी सुनना, खरी खरी सुनाना = सच्ची बात कहना, चाहे किसी को बुरा लगे चाहे भला । उ॰—मैं लगी लिपटी नहीं रखती । खरी खरी कहती हूँ । दो टूक । या इधर या उधर ।—सैर॰, पृ॰ २६ ।

६. बहुत । अधिक । ज्यादा । उ॰—(क) अरे परेखों को करै, तुही बिलोक बिचार । कहि नर केहि सर राखियो खरे बढ़े पर पार ।—बिहारी (शब्द॰) । (ख) रस के उपजावत पुंज खरे पिय लेत परे रस के चसके ।—बृंद (शब्द॰) ।