खरोष्ठी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार की लिपि । विशेष—अशोक के समय में यह लिपि भारत की पश्चिमोत्तर सीमा की ओर प्रचलित थी । यह लिपि फारसी की तरह दाहिने से बाएँ को लिखी जाती थी । इसे गांधार लिपि भी कहते हैं ।