खर्ची संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ खर्च] वह धन जों वेश्या आदि को कुकर्म कराने के लिये मिले । कसब कारने का पुरस्कार । क्रि॰ प्र॰—कमाना । मुहा॰—खर्ची पर चलना या जाना = धन के लिये कुकर्म या प्रसग कराना ।
खर्ची ^२ वि॰ दे॰ 'खर्चिला' ।