खर्राटा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खर्राटा संज्ञा पुं॰ [अनु॰] वह शब्द जो सोते समय नाक से, विशेषतः बलगमी आदमी की नाम से, निकलता है । मुहा॰—खर्राटा भरना, मारना या लेना = बेखबर सोना । उ॰— मुगलानियाँ खर्राटे लेती थीं ।—फिसाना॰, भा॰३, पृ॰ २५ ।