खर्राटा संज्ञा पुं॰ [अनु॰] वह शब्द जो सोते समय नाक से, विशेषतः बलगमी आदमी की नाम से, निकलता है । मुहा॰—खर्राटा भरना, मारना या लेना = बेखबर सोना । उ॰— मुगलानियाँ खर्राटे लेती थीं ।—फिसाना॰, भा॰३, पृ॰ २५ ।