खर्व

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खर्व ^१ वि॰ [सं॰] जिसका अग भग्न या अपूर्ण हो । न्यूनांग ।

२. छोटा । लघु । उ॰—यहाँ खर्व नर रहते युग युग से अभि शापित ।—ग्राम्या, पृ॰ १६ ।

३. वामन । बौना ।

खर्व ^२ संज्ञा पुं॰

१. संख्या का बारहवाँ स्थान । सौ अरब । खरब ।

२. बारहवें स्थान की संख्या । विशेष—वैदिक काल में संख्या का ३५ वाँ स्थान खर्च कह- लाता था ।

३. कुबेर की नौ निधियों में से एक ।

४. कूजा नाम का वृक्ष ।