खलना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खलना ^१ क्रि॰ अ॰[सं॰ खर = तीक्षण] बुरा लगना । नागवार मालूम होना । अप्रिय होना ।

खलना ^२ क्रि॰ स॰ [हिं॰ खाली] पत्तर आदि को नली के रूप में बनाने के लिये मोडना या झुकाना—(सोनारों की परिभाषा) ।

खलना ^३ क्रि॰ स॰ [हिं॰ खल या खरल]

१. खरल में डालकर घोंटना ।

२. नष्ट करना । पीस डालना । उ॰—रावन सो रसराज सुभट रस सहिन लंक खल खलतो ।—तुलसी (शब्द॰) ।

खलना ^४पु † क्रि॰ अ॰ [देश] दे॰ 'खिलना' । उ॰—सा धन खलती कसोर ज्युँ जाणिक बैठी प्रीव को खोलि ।—बी॰ रासो, पृ॰ ९३ ।