खारा

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खारा ^१ वि॰ पुं॰ [सं॰ क्षार] [वि॰ स्त्री॰ खारी]

१. क्षार या नमक के स्वाद का ।

२. कडुआ । अरुचिकर । उ॰—कृपासिंधु मैं देख बिचारी । एहि मरने ते जीवन खारी ।—विश्राम (शब्द॰) ।

खारा ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ क्षारक]

१. एक प्रकार का कपड़ा जो धारीदार होता है ।

२. [स्त्री॰ अल्पा॰ खारी] घाय या सूखे पत्तें बाँधने के लिये जालदार बँधना, जिसे घसियारे या भड़भूँजे काम में लाते हैं ।

३. वह जाली या थैला जिसमें भरकर तोड़े हुए आम पेड़ से नीचे लटकाए जाते हैं ।

४. बाँध, सरकंडे या रहठे आदि का बड़ा और गहरा टोकरा । यह विशेषतः चौंखूँटा होता है । झाबा । खांचा ।

५. बाँस का बड़ा पिंजड़ा ।

५. उलटे टोकरे के आकार सरकंडे आदि का बना हुआ एक प्रकार का चौकोर आसन । विशेष—इसका व्यवहार प्रायः खत्रियों में विवाह के अवसर पर वर और कन्या के बैठने के लिये होता है ।

खारा ^३ संज्ञा पुं॰ [फा॰ खारह्] कड़ा पत्थर । चट्टान [को॰] ।