खुरी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]खुरी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [ हिं॰ खुर] टाप का विहन । सुम का निशान । मुहा॰— खुरी करना = (१) घोड़े बैल आदि सुमवाले पसुशो का पैर से जमीन खोदना । उ॰— बहु चचंल बाजि करंत करी ।— ह॰ रासो॰ पृ॰ ७८ । (२) बहुत जल्दी करना ।
खुरी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [ देश॰] इतना तेज बहनेवाला पानी जिसके विरूद्ध नाव न चल या चढ़ सके — ( मल्लाहों की भषा) ।
खुरी ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ खुरिन्] खुरवाला पशु ।