खेचरी

विक्षनरी से

हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

खेचरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. दुर्गा का एक नाम ।

२. आकाश- चारिणी स्त्री । परी ।

३. आसमान में उड़ने की विद्या या शक्ति (को॰) ।

खेचरी गुटिका संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] तंत्र के अनुसार एक प्रकार की योगसिद्ध गोली जिसके मुँह में रखने से आकाश में उड़ने की शक्ति आ जाती है ।

खेचरी मुद्रा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. योगसाधन की एक मुद्रा । विशेष—योगी इस मु्द्रा में जबान को उलटकर तालु से लगाते है और दृष्टि को दोनों भौहों के बीच मस्तक पर लगाते हैं । इस स्थित में चित्त और जीभ दोनों ही आकाश में स्थित रहते हैं, इसी लिये इसे 'खेचरी' मुद्रा कहते हैं । इसके साधन से मनुष्य को किसी प्रकार का रोग नहीं होता ।

२. तंत्र के अनुसार एक प्रकार की मु्द्रा जिसमें दोनों हाथों को एक दुसरे पर लपेट लेते हैं ।