खेल
संज्ञा


खेल
- दो या अधिक व्यक्तियों या टीमों के बीच एक प्रतियोगिता
अनुवाद
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
खेल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. केवल चित्त की उमंग से अथवा मन बहलाने या व्यायाम के लिये इधर उधर उछल कुद और दौड़ धुप या कोई साधारण मनोरंजक कृत्य, जिसमें कभी हार जीत भी होती है । जैसे,—आँख मिचौली, कबड्डी, ताश, गेंद शतरंज आदि । क्रि॰ प्र॰—खेलना । मुहा॰—खेल के दिन = बाल्यावस्था । खेल खेलना = बहुत तंग करना । खंब दिक करना ।
२. मामला । बात । मुहा॰—खेल बिगड़ना = (१) काम खराब होना । (२) रंग में भंग होना ।
३. बहुत हलका या तुच्छ काम । क्रि॰ प्र॰—जानना । समझना । मुहा॰—खेल करना = किसी काम को अनावश्यक या तुच्छ समझकर हँसी में उड़ाना । खेल समझना = साधारण या तुच्छ समझना ।
४. कामक्रीड़ा । विषयविहार ।
५. किसी प्रकार का अभिनय, तमाशा, स्वाँग या करतब आदि ।
६. कोई अदभुत कार्य । विचित्र लीला । उ॰—यह कुदरत का खेल— कहावत ।
खेल ^२ संज्ञा पुं॰ वह छोटा कुँड चौपाए पानी पीते हैं ।
यह भी देखिए
- खेल (विकिपीडिया)